छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक शिक्षक को शराब पीकर स्कूल में आने और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
सुकमा के कलेक्टर देवेश कुमार धुव ने एलबी शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला ढोण्ढरा के शिक्षक जाकिर खान को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है।
शिकायत मिली थी कि जाकिर खान स्कूल में हस्ताक्षर करने के बाद गायब हो जाते थे और अध्यापन कार्य नियमित नहीं करते थे। दैनंदनी संधारण भी नहीं करते थे और शराब पीकर स्कूल में आते थे। सहकर्मियों और छात्रों के सामने वे अनुशासनहीन व्यवहार करते थे।
विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी विकास खण्ड कोण्टा द्वारा जांच के बाद यह पुष्टि हुई कि शिकायत सही है।
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के प्रतिकूल होने के कारण जाकिर खान को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 नियम 9 के तहत निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन अवधि के दौरान जाकिर खान का मुख्यालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी विकास खण्ड कोण्टा में रहेगा। उन्हें जीवन-निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
यह घटना शिक्षकों के कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन को लेकर सवालिया निशान खड़ा करती है। यह मामला हमें याद दिलाता है कि शिक्षकों की ज़िम्मेदारी केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे छात्रों के लिए आदर्श भी हैं।
यह घटना छात्रों और शिक्षा व्यवस्था के लिए चिंताजनक है। छात्रों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है और शिक्षकों की ज़िम्मेदारी है कि वे उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान करें।