विश्व पर्यटन दिवस पर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़वासियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ पर्यटन की असीम संभावनाओं से भरा हुआ है। हमारे राज्य में प्राचीन इतिहास, समृद्ध संस्कृति और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा संगम है।
छत्तीसगढ़: प्राचीन दंडकारण्य वन, माता कौशल्या की जन्म-स्थली, इंद्रावती नदी पर स्थित चित्रकोट जलप्रपात, सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर और बस्तर का दशहरा – ये सब हमारे राज्य की गौरवशाली विरासत हैं। यहां रामगढ़ की पहाड़ियाँ हैं जहाँ महाकवि कालीदास ने अपनी प्रसिद्ध रचना मेघदूत लिखी थी, और यहां देश की सबसे प्राचीन नाट्यशाला भी मौजूद है।
पर्यटन को बढ़ावा: छत्तीसगढ़ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन स्थानों को विकसित करने में लगी हुई है। हमारे राज्य का पर्यटन परिदृश्य और सांस्कृतिक परंपराएं अनोखी हैं। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के पौराणिक महत्व और उसकी खूबसूरती को देश-दुनिया के सामने लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
आप भी इस खूबसूरत राज्य की खोज करें! छत्तीसगढ़ आएं, प्राचीन इतिहास में खो जाएं, प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें, और यहां की समृद्ध संस्कृति को अनुभव करें!