सारंगढ़-बिलाईगढ़, छत्तीसगढ़: जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत चल रही ‘चिरायु’ योजना 18 साल तक के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाती है और उन्हें मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है।
योजना का उद्देश्य बच्चों में जन्म से मौजूद दोष, कमियां, बीमारियां, विकलांगता और विकास संबंधी देरी को पहचानकर उनका शीघ्र इलाज करना है।
स्कूलों और आंगनबाड़ियों में होती है जांच
‘चिरायु’ योजना के तहत स्वास्थ्य टीमें स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों की जांच करती हैं। ज़रूरत पड़ने पर बच्चों को मुफ्त में इलाज दिया जाता है और बेहतर सुविधा वाले अस्पताल में भी रेफर किया जाता है।
30 तरह की बीमारियों का होता है इलाज
इस योजना के तहत कटे-फटे होंठ, जन्मजात मोतियाबिंद, टेढ़े-मेढ़े हाथ-पैर, श्रवण बाधा (जन्मजात बधिरता) समेत 30 तरह की बीमारियों और विकृतियों का इलाज किया जाता है।
देवांश को मिला नया जीवन
हाल ही में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारंगढ़ की ‘चिरायु’ टीम हिच्छा आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची थी। यहां जांच के दौरान 2 साल के देवांश को श्रवण बाधित पाया गया। टीम ने देवांश के परिजनों को समझाया और उसके इलाज के लिए प्रेरित किया। अब देवांश का इलाज चल रहा है।
‘चिरायु’ योजना के माध्यम से जिले के हजारों बच्चों को नया जीवन मिल रहा है।