छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले का मामला गरमाता जा रहा है, और इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वर्तमान सरकार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी से मुलाक़ात न कराने पर बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने बघेल के ‘उतावलेपन’ पर सवाल उठाए हैं।
कश्यप ने बघेल से पूछा है कि घोटाले में आरोपी से मिलने की उनकी इतनी जल्दी क्यों है? क्या सूर्यकांत का कोई पत्र बघेल को परेशान कर रहा है? उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बघेल का सूर्यकांत से “रिश्ता” क्या है? इस मामले में बघेल की रूचि और आरोपी से मुलाक़ात की उनकी चाहत को देखते हुए कश्यप ने कहा कि यह साफ़ दिख रहा है कि बघेल को एक बड़ा डर सता रहा है!
कश्यप ने यह भी कहा कि सूर्यकांत पिछले दो साल से जेल में बंद है, उसे जमानत भी नहीं मिली है, फिर भी बघेल उससे मिलने के लिए इतने उत्सुक क्यों हैं? क्या सूर्यकांत कोर्ट में कुछ ऐसा बोलने वाला है जिससे बघेल का पर्दाफाश हो सकता है?
कश्यप ने बघेल की “वकालत” पर भी निशाना साधा। उनका कहना है कि बघेल घोटालों के आरोपियों का संरक्षण करते रहे हैं, और आज भी ऐसा ही कर रहे हैं। कश्यप ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कोयला घोटाला एक मिलीभगत का घोटाला है, और जांच एजेंसियाँ बघेल की ओर इशारा कर रही हैं। अब चाहे बघेल कितने भी नखरे दिखा लें, लेकिन कानून अपना काम करेगा और अपराधी को सलाखों के पीछे जाना ही पड़ेगा।
इस घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। बघेल की आरोपी से मिलने की चाहत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके जवाब बघेल को देने होंगे।