राजनांदगांव जिले में एक अनूठी पहल के रूप में ‘पोट्ठ लईका पहल अभियान’ के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में हर शुक्रवार को पालक चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिशुवती माताओं, गर्भवती महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को पोषण आहार के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
इस अभियान को नए आयाम देते हुए, कलेक्टर संजय अग्रवाल ने डोंगरगांव विकासखंड के आंगनबाड़ी केंद्र कोनारी और दीवानभेड़ी में आयोजित पालक चौपाल कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने एक अभिनव कदम उठाते हुए दीवानभेड़ी केंद्र में तीन गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की, जो इस क्षेत्र में एक अनोखी पहल है।
कलेक्टर अग्रवाल ने गर्भवती महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, “आपको अपने गर्भस्थ शिशु के लिए दोगुना पोषण लेना चाहिए। पौष्टिक आहार आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने एनीमिया से बचाव के लिए गुड़ और चना खाने की सलाह दी, जो स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध हैं।
कलेक्टर ने कोनारी आंगनबाड़ी केंद्र में स्थापित पोषण वाटिका का निरीक्षण किया और इसकी सराहना की। उन्होंने छोटे बच्चों को गोद में लेकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके माता-पिता को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
“बच्चों को खूब खेलने-कूदने दें,” उन्होंने कहा। “यह उनकी भूख बढ़ाएगा और उनके समग्र विकास में मदद करेगा।” उन्होंने बच्चों के लिए विविध पौष्टिक आहार जैसे दाल, हरी सब्जियां, अंडा, दूध, चना, मूंग, दलिया और सोयाबीन की अनुशंसा की।
कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलने वाले रेडी-टू-ईट भोजन को रचनात्मक तरीके से तैयार करने का सुझाव दिया, ताकि बच्चे इसे रुचि से खाएं। उन्होंने प्रोटीन, विटामिन और आयरन युक्त भोजन के महत्व पर जोर दिया, विशेष रूप से कम वजन वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए।
स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करते हुए, कलेक्टर अग्रवाल ने कहा, “स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता अत्यंत आवश्यक है। छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए गंदगी से उन्हें संक्रमण का खतरा अधिक होता है।”
उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे स्वच्छता दीदियों को घरों से निकलने वाला गीला और सूखा कचरा सौंपें, ताकि गांव के गली-मोहल्ले स्वच्छ रहें।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में एसडीएम डोंगरगांव श्रीकांत कोर्राम, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास गुरुप्रीत कौर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्थानीय महिलाएं उपस्थित थीं।
यह अभियान राजनांदगांव जिले में मातृ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकारी प्रयासों और समुदाय की भागीदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।