दंतेवाड़ा के कुटुंब न्यायालय में सहायक ग्रेड-03 और स्टेनोग्राफर पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित कौशल परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं में हेराफेरी का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें जिला न्यायालय का रीडर, एक चैंकिदार और तीन अभ्यर्थी शामिल हैं.
यह घटना 14 सितंबर 2024 को आयोजित परीक्षा के बाद सामने आई जब अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के दौरान अनियमितताएं पाई गईं. जांच में पता चला कि सहायक ग्रेड-03 के उम्मीदवार दीपक कुमार देवांगन, कु. प्रीति नेताम और कु. सावित्री अलेन्द्र, और स्टेनोग्राफर पद के उम्मीदवार विनोद कुमार ने कुछ अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उत्तर पुस्तिकाओं में अवैध रूप से बदलाव किए और फर्जी हस्ताक्षर किए.
इस धांधली के कारण इन सभी अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी तुरंत निरस्त कर दी गई. चयन समिति ने इस अनियमितता की गंभीरता को देखते हुए आंतरिक जांच शुरू की और पुलिस कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले में धारा 61, 318, 334, 336, 338, 340 बीएनएस. के तहत मामला दर्ज किया और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
सभी आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया है और उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है. यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि नौकरी परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता कितनी महत्वपूर्ण है. यह घटना न केवल नौकरी चाहने वालों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चिंता का विषय है. इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी धांधली न हो सके.
यह कहानी क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मामला दर्शाता है कि नौकरी परीक्षाओं में धांधली का खतरा कितना बढ़ गया है. ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि नौकरी के अवसर सभी के लिए समान और निष्पक्ष बने रहें.