दंतेवाड़ा। बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी को रक्षाबंधन के पावन अवसर पर कच्चे सूत से बनी राखी चढ़ाई गई। यह 800 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए बस्तर में सबसे पहले रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया। मान्यता है कि मंदिर में रक्षाबंधन मनाने के बाद ही जिले में गांव से लेकर शहर तक के लोग यह पर्व मनाते हैं।
सेवादारों ने तैयार की खास राखी
दंतेश्वरी मंदिर के सेवादारों ने मां दंतेश्वरी के लिए खास तौर पर कच्चे सूत से राखी तैयार की। महाआरती के बाद इस राखी को मां दंतेश्वरी को अर्पित किया गया।
कतियाररास परिवार निभा रहा है परंपरा
मंदिर के पुजारियों के अनुसार, दंतेवाड़ा में कतियाररास के मादरी परिवार के सदस्य माता के सेवादार हैं। कई पीढ़ियों से यह परिवार रक्षाबंधन के समय माता के लिए कच्चे सूत से राखी बनाते आ रहा है। इस साल भी सेवादारों ने मंदिर परिसर में ही सूत की राखी बनाई और विधि-विधान से दंतेश्वरी सरोवर के पवित्र जल से धोकर माता को अर्पित किया।
मां दंतेश्वरी के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक
यह परंपरा न केवल एक रिवाज है बल्कि मां दंतेश्वरी के प्रति लोगों की अटूट आस्था और श्रद्धा का प्रतीक भी है। यह दिखाता है कि कैसे सदियों से चली आ रही परंपराएं आज भी लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं।