ध्यान रखें! लेजर लाइट से हो सकती है आंखों की रोशनी चली जाना
ध्यान रखें! लेजर लाइट से हो सकती है आंखों की रोशनी चली जाना

रायपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जो सबको सतर्क कर देना चाहिए। एक व्यक्ति, जो एक झांकी में शामिल हुआ था, लेजर लाइट के सीधे संपर्क में आने के बाद अपनी आंखों की रोशनी खोने के कगार पर पहुंच गया। 

घटना के बारे में बताते हुए, मेडिकल कॉलेज रायपुर के नेत्र एवम रेटिना विशेषज्ञ, डॉ. प्रांजल मिश्र ने बताया कि मरीज की बाईं आंख की रोशनी कमजोर हो गई थी। जांच करने पर पता चला कि उसकी आंख के परदे में रक्त वाहिका क्षतिग्रस्त हो गई थी। ओ सी टी स्कैन से पता चला कि लेजर किरणों के परदे से टकराने से उसमें छिद्र हो गया था, जिससे रक्त निकलकर परदे में जमा हो गया था।

डॉ. मिश्र ने बताया कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में उपयोग की जाने वाली लेजर लाइट अत्यधिक तीव्रता वाली होती है, जो 3D 3b या 4 कैटेगरी में आती है। एफडीए भी 5 मिली वाट से ज्यादा की लेजर किरणों के इस्तेमाल पर रोक लगाती है। ब्लू स्पेक्ट्रम वाली लेजर आंखों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, जिससे पर्दे में खून बह सकता है और यहां तक कि छेद भी हो सकता है।

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दुर्भाग्य से, कई बार लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती और वे लेजर लाइट के संपर्क में आने के बाद भी सावधानी नहीं बरतते। डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि हर साल ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां लोग उच्च क्षमता वाली लेजर के संपर्क में आने के बाद अपनी आंखों की रोशनी खो बैठते हैं। उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों में उच्च क्षमता वाली लेजर का उपयोग न करने की सलाह दी।

यह मामला हमें याद दिलाता है कि लेजर लाइट कितनी खतरनाक हो सकती है। अगर आप किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में जाते हैं जहां लेजर लाइट का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो कृपया सावधानी बरतें और अपनी आंखों को बचाने के लिए जरूरी उपाय करें। अगर आप लेजर लाइट के सीधे संपर्क में आ जाते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।