छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम पंचायत पाराडोल में डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में, इस बीमारी से पीड़ित एक महिला की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य गंभीर मरीजों को अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगाकर अन्य मरीजों का उपचार शुरू कर दिया है, जिससे सीएचसी मनेंद्रगढ़ में कुल 17 मरीज भर्ती हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार और जिला प्रशासन सक्रियता से काम कर रहे हैं।
डायरिया से एक महिला की मौत
पाराडोल में डायरिया के मामलों में वृद्धि हो रही है। पिछले चार दिनों में इस बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। 25 वर्षीय मीरा, जो फाटनपारा की निवासी थीं, डायरिया के कारण गांव में ही अपनी जान गंवा चुकी हैं। इसके अलावा, 45 वर्षीय कौशिल्या और उनके 27 वर्षीय पुत्र बबलू को गंभीर हालत में अंबिकापुर रेफर किया गया है। चार अन्य मरीजों का इलाज सीएचसी मनेंद्रगढ़ में जारी है।
विशेष चिकित्सा कैंप की व्यवस्था
मनेंद्रगढ़ के बीएमओ डॉ. एसएस सिंह ने बताया कि डायरिया के प्रकोप की जानकारी मिलने के बाद रविवार से गांव में चिकित्सा कैंप लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दूषित भोजन और पानी इस बीमारी के प्रसार के मुख्य कारण हैं। बीएमओ ने कहा कि वे स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं और चिकित्सक लगातार मरीजों का उपचार कर रहे हैं।