रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में एग्रीस्टेक परियोजना के तहत खरीफ 2024 के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण की शुरुआत होने जा रही है। इस योजना के तहत धमतरी, महासमुंद और कबीरधाम जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है।
भारत सरकार का समर्थन
यह परियोजना भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा समर्थित है। इन तीनों जिलों के प्रत्येक गांव में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के बाकी जिलों में चयनित गांवों में भी यह सर्वेक्षण होगा।
सर्वेक्षण का समय
डिजिटल फसल सर्वेक्षण 9 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगा।
राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा के निर्देश पर एग्रीस्टेक परियोजना के संचालन और निगरानी के लिए एक राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है। यह समिति विभागों के बीच समन्वय स्थापित करेगी।
प्रशिक्षण का महत्व
सभी जिला कलेक्टरों को जिला स्तर और तहसील स्तर पर क्रियान्वयन समिति का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों, जिला नोडल अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, मास्टर ट्रेनर, राजस्व निरीक्षक और पटवारी का प्रशिक्षण 31 अगस्त तक और सर्वेक्षणकर्ताओं का प्रशिक्षण 7 सितंबर तक अनिवार्य रूप से पूरा करवाने का निर्देश दिया गया है।
कहाँ होगा सर्वेक्षण
डिजिटल फसल सर्वेक्षण बलौदाबाजार-भाटापारा, रायपुर, बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, बेमेतरा, दुर्ग, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, राजनांदगांव और जशपुर के जिला मुख्यालय की तहसील के प्रत्येक ग्राम में किया जाएगा। अन्य जिलों में कलेक्टर द्वारा चुने गए 5 ग्रामों में यह सर्वेक्षण होगा।
सर्वेक्षणकर्ता: योग्यता और मानदेय
प्रत्येक ग्राम में 20 सर्वेक्षणकर्ता का चयन पटवारी के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाएगा। सर्वेक्षणकर्ता को महिला या पुरुष होना चाहिए, 10वीं पास होना चाहिए और एंड्रॉइड मोबाइल (वर्जन 9$ या उससे ऊपर) होना चाहिए जिसमें इंटरनेट हो। उनके पास बैंक खाता और आधार नंबर भी होना चाहिए।
सर्वेक्षणकर्ता को प्रत्येक सर्वे के लिए 10 रुपये प्रति खसरा मानदेय दिया जाएगा, जो आधार-संबद्ध बैंक खाते में जमा होगा।
पर्यवेक्षण और समीक्षा
डिजिटल फसल सर्वेक्षण के कार्यों का हल्का पटवारी द्वारा दैनिक पर्यवेक्षण किया जाएगा। राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रविष्टियों का सत्यापन किया जाएगा। तहसीलदार या नायब तहसीलदार द्वारा कार्यों की जाँच की जाएगी।
प्रगति रिपोर्ट
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन सचिव अविनाश चंपावत ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि तहसील और जिला स्तरीय समिति डिजिटल फसल सर्वेक्षण कार्यों का पर्यवेक्षण, नियंत्रण और समीक्षा करेंगे।
सर्वेक्षण अवधि में प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है।