साइबर अपराधों से लड़ने के लिए दुर्ग पुलिस ने एक अनोखा तरीका निकाला है। छत्तीसगढ़ पुलिस के राज्यव्यापी साइबर जन जागरूकता पखवाड़ा अभियान के तहत, दुर्ग जिले में साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध से बचाव के लिए निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत, दुर्ग पुलिस ने एक ‘साइबर रावण’ तैयार किया है, जो यह संदेश देता है कि लोगों की अज्ञानता ही उसकी ताकत है।
विजयदशमी पर रावण दहन के प्रतीक के माध्यम से समाज में मौजूद बुराइयों का नाश करने का संदेश दिया जाता है। इसी तर्ज पर ‘साइबर रावण’ यह बताता है कि साइबर अपराधों के पीछे लोगों की जागरूकता की कमी है।
दुर्ग पुलिस ने इस ‘साइबर रावण’ के पुतले पर प्रमुख साइबर अपराधों के नाम लिखे हैं जैसे – ओटीपी फ्रॉड, टेलीग्राम लाइक और शेयर फ्रॉड, इंश्योरेंस फ्रॉड, ओएलएक्स आर्मी फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन, लोन ऐप फ्रॉड, और व्हाट्सऐप डीपी फ्रॉड। इसके साथ ही यह संदेश भी दिया गया है, “साइबर जागरूकता ही एक उपाय है, जो इस साइबर रावण का अंत कर सकती है।”
दुर्ग पुलिस ने जनता से ‘साइबर प्रहरी’ अभियान से जुड़ने और साइबर अपराधों के खिलाफ सतर्क रहने की अपील की है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (दुर्ग), अभिषेक झा ने बताया कि साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के इस अनोखे प्रयास के तहत ‘साइबर रावण’ तैयार किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं पर रोकथाम लगाना और लोगों को सतर्क करना है। हर साल हजारों लोग साइबर अपराधियों का शिकार होते हैं, जिससे उन्हें लाखों-करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। इस ‘साइबर रावण’ के माध्यम से दुर्ग पुलिस की यह पहल साइबर अपराध के खिलाफ जनजागरूकता को बढ़ावा देगी और साइबर अपराधों में कमी लाने में मदद करेगी।
यह ‘साइबर रावण’ एक बहुत ही अच्छा उदाहरण है कि कैसे पुलिस जनता को जागरूक करने के लिए रचनात्मक तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। अगर हम सभी साइबर सुरक्षा के लिए सावधान रहेंगे तो साइबर अपराधों को रोकने में हमारी मदद मिलेगी।