दुर्ग के कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा ने मनाया स्वर्ण जयंती वर्ष, किसानों की आय बढ़ाने पर दिया जोर
दुर्ग के कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा ने मनाया स्वर्ण जयंती वर्ष, किसानों की आय बढ़ाने पर दिया जोर

दुर्ग: कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा (अ) दुर्ग ने 20 अगस्त 2024 को कृषि विज्ञान केंद्र के स्वर्ण जयंती वर्ष पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. विजय जैन ने बताया कि वर्तमान में देश में 731 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों की आय में वृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। भारत में पहला कृषि विज्ञान केंद्र 21 मार्च 1974 को पुडुचेरी में स्थापित किया गया था। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में 27 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए हैं।

दुर्ग जिले में कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना:

दुर्ग जिले में कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा (अ) दुर्ग की स्थापना मार्च 2017 में हुई थी। यह केंद्र प्रमाणित जैविक खेती को बढ़ावा देने, धान फसल उत्पादन में लागत कम करने के लिए विभिन्न तकनीकों, महिला सशक्तिकरण, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा, आय के अतिरिक्त साधन के रूप में बटेर पालन, मशरूम उत्पादन आदि को लघु उद्योग के रूप में स्थापित कर जिले के कृषकों की आय में वृद्धि के लिए प्रयासरत है।

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कार्यक्रम में 35 किसानों ने लिया भाग:

इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित 35 किसानों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम किसानों को नई तकनीकों और योजनाओं से अवगत कराने में सहायक सिद्ध होगा।

इस कार्यक्रम के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा ने किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

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