दुर्ग जेल में बंद आरोपी के भाई की भावुक अपील: "मेरे भाई को चोट मत पहुंचाइए"
दुर्ग जेल में बंद आरोपी के भाई की भावुक अपील: "मेरे भाई को चोट मत पहुंचाइए"

महादेव सट्टा एप मामले में नया मोड़

दुर्ग, छत्तीसगढ़ में एक नाटकीय घटनाक्रम ने स्थानीय पुलिस प्रशासन और जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा है। महादेव सट्टा एप के एक आरोपी के भाई ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक भावुक अपील की है, जिसने इस विवादास्पद मामले में एक नया मोड़ ला दिया है।

कौन है यह आरोपी?

दीपक सिंह, जिसे दीपक नेपाली के नाम से भी जाना जाता है, वर्तमान में दुर्ग जिले की जेल में सजा काट रहा है। वह न केवल महादेव सट्टा एप मामले में आरोपी है, बल्कि उस पर हत्या के प्रयास का भी आरोप है।

भाई की भावुक गुहार

दीपक के भाई लुकेश सिंह ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से दुर्ग के एसपी से अपील की है। इस वीडियो में लुकेश ने अपने भाई को रिमांड पर न लेने और उसे किसी प्रकार की शारीरिक चोट न पहुंचाने की विनती की है।

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वीडियो में क्या कहा गया?

लुकेश के शब्दों में गहरी भावनात्मकता झलकती है। उन्होंने कहा:

“आप मेरी फीलिंग क्यों नहीं समझते हैं। मैं पूरे होशोहवास में बोल रहा हूं, मेरी भावनाओं को समझिए कि वहां क्या हो रहा है, क्या नहीं हो रहा है।”

उन्होंने आगे कहा:

“एसपी साहब… मैं आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि मेरे भाई को कोई चोट नहीं पहुंचाइएगा, कोई रिमांड में मत लीजिए। मैं उनके साथ कुछ गलत नहीं करना चाहता हूं।”

मानवीय पहलू की अपील

लुकेश ने अपने संदेश में एक मानवीय पहलू को भी छुआ। उन्होंने एसपी को याद दिलाया कि उनके भी परिवार हैं और हर किसी को जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।

“आपके घर में भी बीबी बच्चे हैं और आपके भी बच्चे बड़े होंगे। तकदीर हर किसी की खराब होती है। हर किसी को ऊपर जाना है। मुझे भी जाना और किसी को भी जाना है।”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

यह वीडियो सोशल मीडिया पलेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई लोगों ने इस मामले में अपनी राय व्यक्त की है, जिसमें समर्थन और आलोचना दोनों शामिल हैं।

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विशेषज्ञों की राय

कानूनी विशेषज्ञ अनिल शर्मा का कहना है, “हालांकि परिवार की भावनाएं समझ में आती हैं, लेकिन कानून अपना काम करेगा। पुलिस को जांच के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार है।”

आगे की राह

यह मामला कानून और मानवीय संवेदनाओं के बीच एक नाजुक संतुलन की मांग करता है। पुलिस प्रशासन के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, जहां उन्हें कानून का पालन करते हुए भी मानवीय पहलू को ध्यान में रखना होगा।

पुलिस का रुख

दुर्ग पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम इस वीडियो को देख चुके हैं और परिस्थितियों को समझते हैं। हालांकि, हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा और कानून के अनुसार कार्रवाई करनी होगी।”

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कानून और मानवीयता के बीच एक बेहतर संतुलन स्थापित किया जा सकता है। यह मामला निश्चित रूप से आने वाले दिनों में चर्चा का विषय बना रहेगा।

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