प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए, अब हर बच्चे की पहचान सुनिश्चित होगी! देश के प्रत्येक विद्यार्थी को यूनिक आईडी प्रदान करने के लिए अपार आईडी योजना का पूरे देश में लागू किया जा रहा है. यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत विद्यार्थियों के समग्र विकास और शैक्षिक प्रगति को ट्रैक करने का एक अनोखा प्रयास है.
तीन चरणों में होगा कार्यान्वयन:
- चरण 1: कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी.
- चरण 2: कक्षा 6वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों की यूनिक आईडी बनाई जाएगी.
- चरण 3: पहली से लेकर पांचवीं तक के विद्यार्थियों को यूनिक आईडी मिलेगी.
अपार आईडी का महत्व:
- डिजिटल रिकॉर्ड: अपार आईडी को डिजिलॉकर से जोड़ा जाएगा, जिससे छात्रों की शैक्षिक प्रगति, परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड और अन्य उपलब्धियों का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध होगा.
- भविष्य के लिए उपयोगी: यह आईडी उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए क्रेडिट स्कोर के रूप में भी उपयोगी होगी.
छत्तीसगढ़ में योजना का क्रियान्वयन:
- सहमति लेना जरूरी: शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों को 3-4 अक्टूबर 2024 को पालक-शिक्षक बैठक का आयोजन कर अभिभावकों से अपार आईडी बनाने के लिए सहमति लेने का निर्देश दिया है.
- यूडाईस प्लस पोर्टल: सहमति पत्र के आधार पर स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्राचार्य यूडाईस प्लस पोर्टल पर जानकारी प्रविष्ट करने से आईडी स्वतः तैयार हो जाएगी.
- आधार पंजीकरण शिविर: जिन विद्यार्थियों के पास आधार कार्ड नहीं हैं, उनके लिए विशेष शिविर आयोजित कर आधार पंजीकरण कराया जाएगा.
- नोडल अधिकारी: जिला शिक्षा अधिकारी को इस प्रक्रिया का नोडल अधिकारी बनाया गया है. साथ ही जिला मिशन समन्वयक और सहायक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे, जो विकासखंड, संकुल और शाला स्तर पर प्रक्रिया की निगरानी करेंगे.
अपार आईडी योजना छत्तीसगढ़ के हर बच्चे को एक नई पहचान देगी. यह योजना उनके भविष्य को प्रकाशित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी!