गरियाबंद के वार्ड क्रमांक 15 में रहने वाले दिव्यांग अनिल कुमार यादव ने अपनी जीविका और उपचार के लिए सरकारी मदद की मांग करते हुए कलेक्टोरेट परिसर के बाहर अपनी ट्रायसायकल में पोस्टर टांगकर दूसरी बार आमरण अनशन शुरू कर दिया है. अनिल ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे इच्छामृत्यु की मांग करेंगे.
अनिल कुमार यादव इससे पहले भी एक सप्ताह पूर्व इसी तरह से अनशन पर बैठे थे, लेकिन अफसरों की समझाइश के बाद उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया था. अब दोबारा उनकी सुध न लेने पर उन्होंने फिर से अनशन शुरू कर दिया है. अनिल प्रशासन के समक्ष अपनी दो सूत्रीय मांग को लेकर यह प्रदर्शन कर रहे हैं. पहला उन्हें डेली वेजेस नौकरी में वापस रखा जाए और दूसरा उनके दिव्यांग पैर का उपचार कराया जाए. अनिल ने कहा की यह मांग पूरी नहीं हुई तो आगे वह इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे.
दरअसल, अनिल 2008 से 2017 तक वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी पर कार्यरत थे, अचानक ब्रेन में दिक्कत होने के कारण उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. पत्नी भी घर छोड़ कर चली गई. पिछले कुछ साल से वह किसी तरह पहचान वालों से मदद लेकर गुजारा कर रहे हैं. पीड़ित ने बताया कि वह लगातार साशन-प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
अनिल कुमार यादव की कहानी एक ऐसे इंसान की दुर्दशा को दर्शाती है, जिसको न तो अपनी नौकरी मिल पा रही है और न ही उनके इलाज का कोई इंतजाम है. ऐसे में उनकी इच्छामृत्यु की धमकी चिंताजनक है और प्रशासन को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए.