अमरेली। गुजरात में ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने वन विभाग के एक अधिकारी को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है.
क्या हुआ?
- RFO और एक अन्य शख्स गिरफ्तार: राजुला में वन विभाग में किसी निर्माण कार्य के वार्षिक अनुबंध के लिए सुरक्षा के रूप में जमा कराए गए 5 लाख रुपये की राशि जारी कराने के लिए RFO योगराज सिंह राठौड़ और उनके कार्यालय में कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर विस्मय राजगुरु को शनिवार को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया.
- 90,000 रुपये की पहले भी रिश्वत दी थी: शिकायतकर्ता यानी ठेकेदार ने राठौड़ को पहले भी 90,000 रुपये की रिश्वत दी थी.
- 10 लाख रुपये की मांग: ठेकेदार ने जब जमा राशि जारी करने के लिए कहा तो राठौड़ ने उससे 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसमें वार्षिक अनुबंध के तहत किए गए काम के लिए कमीशन का एक हिस्सा शामिल था.
कैसे पकड़ा गया अधिकारी?
- ठेकेदार ने की एसीबी से शिकायत: ठेकेदार ने एसीबी से संपर्क किया क्योंकि वह रिश्वत नहीं देना चाहता था.
- ACB ने बिछाया जाल: एसीबी ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया और राठौड़ एवं राजगुरु को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया.
यह घटना गुजरात में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है. ACB की कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में डर का माहौल बनेगा और वे अपनी गलत हरकतों से बचने का प्रयास करेंगे.