जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीजों की बढ़ी मुसीबतें
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीजों की बढ़ी मुसीबतें

कोलकाता में हुई जूनियर डॉक्टर पर हमले की घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। छत्तीसगढ़ में भी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ओपीडी सेवाएं बंद, मरीजों की लंबी कतारें

रायपुर, बिलासपुर, बलरामपुर समेत राज्य के विभिन्न जिलों में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं ठप पड़ी हैं। हड़ताल के कारण मरीजों को इलाज के लिए लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है। कई मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ा है। इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं, लेकिन ओपीडी बंद होने से सामान्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर 24 घंटे की हड़ताल

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोलकाता की घटना के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। छत्तीसगढ़ में भी IMA की राज्य इकाई ने 24 घंटे की हड़ताल का समर्थन किया है। शुक्रवार को एम्स रायपुर के डॉक्टरों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया था।

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डॉक्टरों की मांग: सुरक्षा और न्याय

डॉक्टरों ने कोलकाता में जूनियर डॉक्टर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने की भी मांग की जा रही है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर में डॉक्टरों ने पुलिस सहायता केंद्र और सुरक्षा व्यवस्था खोलने की मांग को लेकर SDM को ज्ञापन सौंपा है।

सरकार से अपील: जल्द समाधान निकाले

मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार से अपील की जा रही है कि वह जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकाले और डॉक्टरों की मांगों पर गौर करे। डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें बेहतर काम करने का माहौल देना बेहद जरूरी है।

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