Cg High Court
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए, एक बेघर महिला को न्याय दिलाने के लिए अदालत समय से पहले खोली. यह मामला दुर्ग की एक महिला का है जिसका पति, थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद से लापता है. पुलिस ने महिला के घर को बिना किसी चेतावनी के सील कर दिया था जिससे महिला और उसका परिवार बेघर हो गया. महिला ने अपने सील बंद घर को खुलवाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

दुर्ग निवासी उषा कौर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर घर को सील खुलवाने की गुहार लगाई. याचिका में कहा गया कि जिस घर को पुलिस ने सील किया है वहां वह अपने परिवार के साथ रहती हैं. घर सील होने के कारण वह और उसके परिवार के सदस्य बेघर हो गए हैं. याचिकाकर्ता ने 30.09.2024 को पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग को आवास गृह का सील खोलने और गुमशुदा पति की खोजबीन करने के लिए अभ्यावेदन भी दिया था, लेकिनअब तक मामला लंबित है. दरअसल, एक मामले में याचिकाकर्ता के पति का नाम अन्य व्यक्तियों के साथ एफआईआर में दर्ज है. एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह लापता हैं.

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मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया, कि पुलिस ने याचिकाकर्ता के पति को गिरफ्तार नहीं किया है. जब याचिकाकर्ता के पति की एक मामले में संलिप्तता पाई गई तब पूछताछ करने के उद्देश्य से पुलिस याचिकाकर्ता के घर गई थी, तो घर में ताला लगा था, इसलिए पुलिस ने उसे सील कर दिया है.

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने इस मामले की अर्जेंट हियरिंग करते हुए आईजी दुर्ग को नोटिस जारी किया और याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का शीघ्र सुनवाई कर इस पर निर्णय देने कहा है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दुर्ग आईजी से संपर्क कर अभ्यावेदन पेश करने कहा है.

यह मामला बताता है कि न्यायपालिका बेघर महिलाओं और उनके परिवारों को राहत देने के लिए कैसे संवेदनशील और सक्षम है. इस मामले में, कोर्ट ने महिला की पीड़ा को समझते हुए जल्द ही सुनवाई की और पुलिस को महिला के अभ्यावेदन पर शीघ्र निर्णय लेने के निर्देश दिए. इस फैसले से महिला को न्याय मिलने की उम्मीद है.

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