जांजगीर-चांपा में मानसिक स्वास्थ्य पर आयोजित कार्यशाला: ज़िंदगी में खुशियाँ भरने का ज़रिया
जांजगीर-चांपा में मानसिक स्वास्थ्य पर आयोजित कार्यशाला: ज़िंदगी में खुशियाँ भरने का ज़रिया

जांजगीर-चांपा जिले में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर एक अहम कदम उठाया गया। जिला पंचायत के सभाकक्ष में एक खास कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य था – मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाना और लोगों को उनकी मानसिक सेहत के प्रति सजग करना।

इस कार्यशाला में जिला कलेक्टर आकाश छिकारा, सहायक कलेक्टर दुर्गा प्रसाद अधिकारी, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोकुल रावटे और जिले के अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ राहुल श्रीवास्तव ने इस कार्यशाला को संचालित किया और उन्होंने सभी लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाया।

आज के समय में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बहुत ज़रूरी है। यह कार्यशाला इस बात पर ज़ोर दे रही थी कि अपने मन को शांत और स्वस्थ रखना कितना महत्वपूर्ण है।

मानसिक स्वास्थ्य के बारे में मिथक तोड़ें

इस कार्यशाला में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। जैसे कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बढ़ावा दिया जाए? तनाव, चिंता और अवसाद से कैसे निपटा जाए? और ज़िंदगी में कैसे संतुलन बनाए रखें?

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राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित ध्यान, योग और सकारात्मक सोच से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर खुले मन से बात करें

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करना और लोगों को इस महत्वपूर्ण विषय पर खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करना।

एक खुशी की बात यह है कि इस कार्यशाला में कई लोगों ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े अपने अनुभव शेयर किए और दूसरे लोगों को प्रोत्साहित किया कि वे भी इस विषय पर खुले मन से बात करें।

यह कार्यक्रम सबके लिए एक सन्देश था कि हमारी ज़िंदगी में खुशियां भरने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बहुत ज़रूरी है।