राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने आज भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति खन्ना को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, जिसके साथ ही उनके कार्यकाल की शुरुआत हो गई। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित सरकार के प्रमुख सदस्य मौजूद थे।
न्यायमूर्ति खन्ना न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ के उत्तराधिकारी हैं, जिन्होंने पिछले हफ्ते अपने सफल कार्यकाल के बाद पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
यह घटना भारतीय न्यायिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि न्यायमूर्ति खन्ना सर्वोच्च न्यायालय के शीर्ष पद पर आसीन हुए हैं।
समारोह में देश के प्रमुख न्यायिक अधिकारी, राजनेता और कानूनी विशेषज्ञ उपस्थित थे। यह अवसर न्यायमूर्ति खन्ना के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था और भारतीय न्यायिक व्यवस्था के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक था।
न्यायमूर्ति खन्ना के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाना, न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या कम करना और न्यायिक सुधारों को आगे बढ़ाना शामिल है। उनके नेतृत्व में, न्यायिक व्यवस्था में कई सकारात्मक बदलावों की उम्मीद है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, एक प्रतिष्ठित न्यायविद हैं जिनका कानूनी क्षेत्र में गहरा ज्ञान और अनुभव है। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकील के रूप में अपनी शुरुआत की, और फिर 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। 2011 में, उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया, जहाँ उन्होंने अपने गहन ज्ञान और न्याय के लिए समर्पण के साथ कई महत्वपूर्ण फैसले दिए। न्यायमूर्ति खन्ना का संवैधानिक कानून में विशेषज्ञता है, और उन्होंने नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सर्वोच्च न्यायालय के नेतृत्व के लिए उनका चयन भारतीय न्यायिक व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, और उम्मीद है कि उनके कार्यकाल में न्यायिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार आएंगे।