कांकेर में लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, और इसका मुख्य कारण पुलिस और सेना का सफल नक्सल विरोधी अभियान है। इस अभियान में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है, जिसके कारण वे अपने ही साथियों पर अत्याचार करने लगे हैं। नक्सली नेताओ से परेशान होकर नक्सली अब मुख्यधारा में वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं।
बुधवार को भी कुएमारी एरिया कमेटी के चार नक्सली सदस्यों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इन चारों नक्सलियों पर कुल 12 लाख रुपए का इनाम घोषित था, और वे कई नक्सली घटनाओं में शामिल थे।
पुलिस ने प्रत्येक नक्सली को 25-25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी है। शासन की पुनर्वास नीति, नक्सलियों के अत्याचार और हिंसा से तंग आकर ये नक्सली आत्मसमर्पण करने को मजबूर हुए हैं।
पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में 100 से भी ज़्यादा नक्सलियों को मार गिराया है। इससे नक्सलियों में हताशा और डर फैल गया है, जिसके कारण वे अपने ही साथियों को मार रहे हैं।
कुएमारी एरिया कमेटी उत्तर बस्तर डिवीजन की सबसे पुरानी कमेटी है, लेकिन अब यह खत्म होने के कगार पर पहुँच गई है। कई नक्सली सदस्य मारे जा चुके हैं, और कई ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस के सफल अभियान ने इस कमेटी को लगभग पूरी तरह से समाप्त कर दिया है।
इस घटनाक्रम ने कांकेर और बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के कमजोर होने का संकेत दिया है। शासन की पुनर्वास नीति और पुलिस का सख्त रुख नक्सलियों को अपने कार्य छोड़ने और मुख्यधारा में आने को मजबूर कर रहा है।
आत्मसमर्पण करने वाले चार नक्सलियों में सुरजन्ना उर्फ सीताय कोर्राम (कुएमारी एरिया कमांडर), नरेश उर्फ लक्कु पुनेम, सागर उर्फ गंगा दिड़दो और अंजू उर्फ सरिता शोरी शामिल हैं। ये सभी नक्सली कई गंभीर अपराधों में शामिल थे।
यह घटना नक्सलवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में एक बड़ी जीत है। आशा है कि यह घटना नक्सलवाद से मुक्ति पाने में मदद करेगी और इस क्षेत्र में शांति और विकास का रास्ता खुलेगा।