कोरबा में धुआं मुक्त संस्थान: स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल
कोरबा में धुआं मुक्त संस्थान: स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल

कोरबा जिले में, स्कूलों, आश्रमों, छात्रावासों और आंगनबाड़ी केंद्रों में लकड़ी से चूल्हे पर खाना पकाने का चलन अभी भी जारी है। इससे निकलने वाले धुएं का संस्था में काम करने वाली माताओं, बहनों और पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, जिला खनिज संस्थान न्यास मद (डीएमएफ) से 4900 संस्थानों को घरेलू एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं।

संस्थाओं को धुएं से मुक्ति: एक स्वस्थ और सुरक्षित माहौल

यह अभियान कोरबा जिले में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है। डीएमएफ से मिलने वाले इस वित्तीय सहायता से, इन संस्थानों में अब बच्चों को कम समय में पौष्टिक नाश्ता और भोजन उपलब्ध हो पाएगा। साथ ही, इस पहल से पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा क्योंकि लकड़ी का उपयोग कम होगा।

हाल ही में, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शालाओं, आंगनबाड़ी और आश्रम छात्रावासों को गैस वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला उद्योग, वाणिज्य, व्यापार और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन थे। उन्होंने कहा कि संस्थाओं में लकड़ी जलाकर चूल्हे पर खाना पकाने से पर्यावरण असंतुलन होता है और बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई भी होती है।

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मंत्री देवांगन ने इस पहल की श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल संस्थागत माताओं और बहनों को खाना पकाने में सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएगा। उन्होंने कहा कि जिला खनिज संस्थान न्यास मद से जिले के संस्थाओं में चूल्हे पर खाना बनाने से निकलने वाले धुएं से मुक्ति मिलेगी, जिससे भविष्य में सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि डीएमएफ मद से संस्थाओं को घरेलू गैस कनेक्शन की राशि के साथ-साथ गैस रिफिलिंग में होने वाले व्यय की राशि भी प्रदान की जाएगी।

कलेक्टर अजीत वसंत ने की योजना की सराहना

इस कार्यक्रम में कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि संस्थागत कर्मचारियों और बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को रोकने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए स्कूल, आश्रम, छात्रावास और आंगनबाड़ी में लकड़ी से खाना बनाने की प्रथा को खत्म करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आश्रम छात्रावासों में भोजन के लिए 50 प्रतिशत राशि सरकार से अनुदान मिलता है और शेष 50 प्रतिशत राशि डीएमएफ मद से प्रदान की जाएगी।

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कलेक्टर वसंत ने बताया कि शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले के 2100 स्कूलों के लिए 1.5 करोड़ रुपए, महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत 2600 आंगनबाड़ी केंद्रों में 02 करोड़ रुपए और आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत 200 छात्रावास आश्रमों के लिए 13 लाख रुपए की राशि का घरेलू एलपीजी गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। संस्थाओं में घरेलू गैस कनेक्शन करने पर करीब 03 करोड़ 63 लाख रुपए खर्च होंगे, जिसकी राशि डीएमएफ मद से दी जाएगी।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि संस्थाओं को लंबे समय तक यह सुविधा मिलती रहे, वार्षिक गैस रिफिलिंग के लिए शिक्षा विभाग के लिए 04 करोड़ रुपए, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 2.5 करोड़ रुपए और आदिम जाति विकास विभाग के लिए 01 करोड़ रुपए, कुल राशि 7.5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। व्यय राशि का भुगतान डीएमएफ मद से किया जाएगा।

इस पहल से कोरबा जिले में स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है। इस पहल से छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और समाज के अन्य सदस्यों को एक स्वच्छ और स्वस्थ माहौल मिलने की उम्मीद है।

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