रायपुर में लिपिकों की महापंचायत: वेतन विसंगति और पदोन्नति में बाधाओं के खिलाफ आवाज
रायपुर में लिपिकों की महापंचायत: वेतन विसंगति और पदोन्नति में बाधाओं के खिलाफ आवाज

रायपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के आह्वान पर प्रदेश के लिपिकों ने शुक्रवार को रायपुर में एक महापंचायत आयोजित की। इस महापंचायत में लिपिकों ने संचालनालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और वेतन विसंगति और पदोन्नति में बाधाओं के खिलाफ आवाज उठाई।

मुख्य मांगें:

  • वेतन विसंगति का समाधान: लिपिकों ने बताया कि पिछले 40 सालों से उनके वेतन में व्यापक विसंगति है। कई अन्य संवर्गों के कर्मचारी जो पहले लिपिकों से कम वेतन पाते थे, आज डेढ़ गुना वेतन प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन लिपिकों के वेतनमान में कोई सुधार नहीं किया गया।
  • कोषालय में प्रशिक्षण और पदोन्नति: पहले लिपिकों को कोषालय में लेखा प्रशिक्षण प्राप्त करने और लेखा परीक्षा उत्तीर्ण होने पर लेखापाल के पद पर पदोन्नति मिलती थी। साथ ही, ऐसे प्रशिक्षित लिपिकों को सहायक कोषालय अधिकारी के पद पर भी पदोन्नति मिलती थी। यह व्यवस्था अब बंद कर दी गई है, जिससे लिपिकों के लिए पदोन्नति के अवसर सीमित हो गए हैं।
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आंदोलन का नेतृत्व:

इस आंदोलन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी, रायपुर जिला शाखा अध्यक्ष जवाहर यादव और विभिन्न जिलों के जिला अध्यक्ष, प्रांतीय महामंत्री, सरगुजा, बस्तर और दंतेवाड़ा से आए लिपिकों ने किया।

नेताओं के भाषण:

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा और कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने महापंचायत को संबोधित किया। श्री झा ने कहा कि लिपिकों के साथ अन्याय हो रहा है और वेतन विसंगति दूर करने और उन्हें पदोन्नति के अवसर देने की मांग की। उन्होंने वित्त मंत्री चौधरी से पुरानी व्यवस्था को तत्काल लागू करने का आग्रह किया।

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