रायपुर: महासमुंद जिले की रहने वाली नंदनी तांडी की कहानी बताती है कि कैसे महतारी वंदन योजना ने उनकी जिंदगी में खुशियां लाई हैं। नंदनी के पति से अलग होने के बाद दो बच्चों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी। कचरा बीनकर वो मुश्किल से 100-150 रुपए कमा पाती थीं, और उनका बटुआ हमेशा खाली रहता था।
लेकिन, महतारी वंदन योजना ने नंदनी की जिंदगी बदल दी। अब हर महीने उनके खाते में एक हजार रुपए आते हैं। नंदनी कहती हैं, “अकेले रहने का दर्द मैं बखूबी झेलती रही हूं। एक तो आर्थिक समस्या, दूसरी ओर बच्चों का लालन-पालन की जिम्मेदारी। लेकिन, महतारी वंदन योजना से मिलने वाले एक हजार रुपए मेरे लिए एक नया सहारा बन गए हैं।
नंदनी अब बकरी पालन भी करती हैं। उनके पास एक बकरी है, और महतारी वंदन के पैसे से वो जल्दी ही दूसरी बकरी खरीदने वाली हैं। उनकी बेटी 9वीं कक्षा में पढ़ रही है, और नंदनी उसे उच्च शिक्षा दिलाना चाहती हैं।
नंदनी के शब्दों में, “मुझे हर महीना अपने मोबाइल पर घंटी बजने का इंतजार रहता है। सच कहूं तो अब मेरा मन प्रसन्न और बटुआ भरा रहता है।”
नंदनी की कहानी बताती है कि कैसे सरकार की योजनाएं गरीब और जरूरतमंद लोगों की जिंदगी बदल सकती हैं। महतारी वंदन योजना ने नंदनी की जिंदगी में खुशियां, आत्मनिर्भरता और आर्थिक सुरक्षा लाई है।