बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में फिर से मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। जुलाई महीने में जिले में संचालित अलग-अलग पोटाकेबिन में दूसरी और एक तीसरी कक्षा की छात्रा की मलेरिया से मौत का मामला सामने आया था। अब इसी तरह का एक और मामला सामने आया है।
बेडरे कन्या छात्रावास की छात्रा की मलेरिया से मौत
बेडरे कन्या छात्रावास में रह रही दूसरी कक्षा की छात्रा सुखमती कुरसम की मलेरिया से मौत की खबर सामने आई है। छात्रा की मौत पर अधीक्षिका पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है।
मृत छात्रा का परिवार आरोपी
जानकारी के मुताबिक मृत छात्रा का नाम सुखमती कुरसम है जो कि मुर्किनार की रहने वाली थी और पिछले चार-पाँच दिनों से मलेरिया से पीड़ित थी। छात्रा के परिजनों का आरोप है कि उन्हें छात्रा की बीमारी के बारे में देर से सूचित किया गया, जिससे इलाज में देरी हुई। जब परिजनों ने बच्ची को इलाज के लिए ले जाने का प्रयास किया, तो बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
अधिकारियों का दावा
बीजापुर आदिवासी आयुक्त ने इस मामले पर कहा कि उन्होंने मंडल संयोजक के नेतृत्व में घटना स्थल के लिए एक टीम भेजी है। टीम की रिपोर्ट आने के बाद घटना की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।
क्या है बस्तर का इतिहास?
बस्तर संभाग छत्तीसगढ़ राज्य का एक प्रमुख कबीली क्षेत्र है। यहां के आदिवासी समुदाय विशेष रूप से जनजातीय समुदाय के हैं। इस क्षेत्र में मलेरिया और अन्य गंभीर बीमारियों का प्रकोप बहुत पुराना है। सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं, लेकिन स्थिति पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
आगे क्या?
इस घटना में शामिल सभी पक्षों की जवाबदेही तय की जाएगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। बस्तर क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी त्रासदियों से निपटा जा सके।