मुंगेली में डीएड संघ ने कलेक्टर राहुल देव के सामने अपनी मांग रखी है – बीएड धारकों को सहायक शिक्षक पद से हटाकर डीएड धारकों को नियुक्त किया जाए। डीएड धारकों का कहना है कि इस मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पहले ही डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है।
जानिए क्या है पूरा मामला:
- सहायक शिक्षक पद पर बीएड और डीएलएड अभ्यर्थियों के बीच विवाद पिछले एक साल से जारी है। डीएड धारक अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, जबकि बीएड धारक अपने पद पर बने रहना चाहते हैं।
- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसमें बीएड धारकों को सहायक शिक्षक पद से हटाने का आदेश दिया गया था।
- इस फैसले के खिलाफ सरकार और अन्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराया।
डीएड धारकों की मांग:
डीएड संघ प्रदेश सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शीघ्र नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग कर रहा है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिलता, तो वे आंदोलन का सहारा लेंगे।
कलेक्टर ने क्या कहा?
कलेक्टर राहुल देव ने डीएड संघ की मांग पर संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र प्रेषित करने की बात कही है।
ये है मुद्दा:
मुंगेली में सहायक शिक्षक पदों के लिए बीएड और डीएड धारकों के बीच नियुक्ति को लेकर विवाद गहरा गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डीएड धारक अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर वे आंदोलन की राह पर चल सकते हैं।