रायपुर के सदर बाजार में स्थित गोकुल चंद्रमा हवेली भगवान कृष्ण की भक्ति और आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। लगभग ढाई सौ साल पुराने इस मंदिर का इतिहास उतना ही रोचक है, जितनी यहाँ की कृष्ण लीला।
सुबह से शाम तक गूंजते हैं भजन:
मंदिर की प्रमुख मीना पंड्या ने बताया कि गोकुल चंद्रमा हवेली में सुबह मंगला से लेकर शाम शयन आरती तक लगातार भक्तों का तांता लगा रहता है। हर रोज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं और नंदलाल का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
हवेली में निवास करते हैं बाल कृष्ण:
यहाँ भगवान कृष्ण अपने बाल स्वरूप में विराजमान हैं और उनकी सेवा बाल गोपाल के रूप में ही की जाती है। उन्हें दिन भर विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। मंदिर की यह मान्यता है कि यहाँ जन्माष्टमी के अगले ही दिन शिव जी स्वयं कृष्ण लला के दर्शन करने आते हैं।
भव्य श्रृंगार और राजसी ठाठ-बाट:
गोकुल चंद्रमा हवेली में ठाकुर जी का श्रृंगार देखने लायक होता है। यहाँ उनका श्रृंगार अन्य मंदिरों की तुलना में बेहद भव्य और राजसी होता है। यहाँ हर त्योहार भी धूमधाम से मनाया जाता है।
दर्शन का समय:
- मंगला: सुबह 8:00 से 8:15
- श्रृंगार: सुबह 9:30
- राजभोग: सुबह 11:30
- उत्थापन: शाम 4:30
- भोग: शाम 5:30
- संध्या आरती
- शयन: रात्रि 7:00