भारत सरकार 550 वें प्रकाशपर्व केपूर्व तीर्थयात्रियों और करतारपुर साहिब कॉरिडोर के समय पर परिचालन के हित में भारत आज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत हो गया है.साथ ही भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार से 20 डॉलर अमेरिकी शुल्क लगाने के मुद्दे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. इस ऐतिहासिक निर्णय के द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक डेरा बाबा नानक से करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण और विकास को मंजूरी दे दिया है. इससे भारत के तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा करने में सुविधा होगी और यह यात्रा वर्ष भर सुचारू और सुगम तरीके से चल सकेगा.
इस समझौते के संचालन के लिए एक औपचारिक रूपरेखा तैयार किया गया है. –
1 – भारतीय मूल के सभी धर्मों और व्यक्तियों के भारतीय तीर्थयात्री गलियारे का उपयोग कर सकते हैं,
2- यात्रा वीज़ा मुक्त होगी,
3 – तीर्थयात्रियों को केवल एक वैध पासपोर्ट ले जाने की आवश्यकता है, भारतीय मूल के व्यक्तियों को अपने देश के पासपोर्ट के साथ ओसीआई कार्ड ले जाने की आवश्यकता है;
4 – कॉरिडोर सुबह से शाम तक खुलेगा, सुबह यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को उसी दिन वापस लौटना होगा;
5 – कॉरिडोर पूरे साल चालू रहेगा, अधिसूचित दिनों को छोड़कर जिनकी जानकारी पूर्व में दी जाएगी;
6 – तीर्थयात्रियों के पास अकेले या समूहों में जाने के लिए और पैदल यात्रा करने का भी विकल्प होगा;
7 – भारत यात्रा की तारीख से 10 दिन पहले तीर्थयात्रियों की सूची पाकिस्तान को भेजेगा। यात्रा की तारीख से 4 दिन पहले तीर्थ यात्रियों को पुष्टिकरण भेजा जाएगा;
8 – पाकिस्तान पक्ष ने भारत को ‘लंगर’ और ‘प्रसाद’ के वितरण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने का आश्वासन दिया है;