रायपुर। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नवा रायपुर स्थित “पुरखौती मुक्तांगन” में सरगुजा प्रखंड का लोकार्पण किया. लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सरगुजा प्रखंड में छत्तीसगढ़ राज्य के, विशेष रूप से सरगुजा अंचल के आदिवासी समुदाय की जीवनशैली और उनकी सांस्कृतिक और पुरातात्विक धरोहरों को प्रदर्शित किया गया है.
कौन थे मौजूद?
- राज्यपाल रमेन डेका
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
- उप मुख्यमंत्री अरुण साव
- केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू
- कृषि मंत्री राम विचार नेताम
- श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन
- खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल
- स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल
- महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े
- राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा
- लोकसभा क्षेत्र रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल
- विधायक खुशवंत साहेब और रोहित साहू
क्या है सरगुजा प्रखंड की ख़ासियत?
- सरगुजा अंचल की संस्कृति और विरासत: सरगुजा प्रखंड में सरगुजा अंचल के जनजातियों की अनोखी संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत और पुरावैभव को प्रदर्शित किया गया है.
- जनजातियों के निवास स्थल: सरगुजा अंचल के विभिन्न जनजातियों के निवास स्थल व उनकी जीवनशैली को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है.
- आदिवासी समुदायों के रहन-सहन और संस्कृति: यह प्रखंड एक ही स्थल में विभिन्न आदिवासी समुदायों के रहन-सहन, संस्कृति से बेहतर तरीके से रूबरू होने का मौका देता है.
- पारंपरिक आवास: प्रखंड में पंडो, पहाड़ी कोरवा, मड़िया खंबा जैसी जनजातियों के पारंपरिक आवास की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं.
- पुरातात्विक और धार्मिक महत्व: प्रखंड में प्राचीन मंदिरों की प्रतिकृतियां भी बनाई गई हैं जिनका पुरातात्विक और धार्मिक महत्व है.
- कोरिया का बैकुण्ठपुर महल: कोरिया का बैकुण्ठपुर महल भी यहां प्रदर्शित किया गया है, जो भारतीय वास्तुकला का एक उदाहरण है.
यह प्रखंड छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और पुरातात्विक विरासत को प्रदर्शित करता है. यह प्रखंड देश और दुनिया के लोगों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से रूबरू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.