सक्ती स्थित नवोदय विद्यालय में एक और रैगिंग का मामला सामने आया है, जो बेहद चिंताजनक है! यहां कक्षा 9वीं के 5 छात्रों पर जूनियर छात्र के साथ रैगिंग करने का आरोप लगाया गया है।
आरोप है कि सीनियर छात्रों ने अपने हाउस रूम में जूनियर छात्र को बुलाकर उसे पीटा, जिससे उसके हाथ पर चोट के निशान हैं। पीड़ित छात्र का कहना है कि उसे लात-घूंसे और बेल्ट से मारा गया।
पीड़ित छात्र के माता-पिता ने प्राचार्य से लिखित शिकायत की है और आरोपी छात्रों को नवोदय विद्यालय से निष्कासित करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं होती है तो वे थाने में मामला दर्ज कराएंगे।
यह रैगिंग की कोई नई घटना नहीं है। इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें सीनियर छात्र जूनियर छात्रों को प्रताड़ित करते हैं। कई बार तो यह इतना गंभीर हो जाता है कि छात्र आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं।
यह घटना बताती है कि रैगिंग एक गंभीर समस्या है, जो स्कूलों में छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। इस समस्या से निपटने के लिए स्कूल प्रशासन और शिक्षकों को सख्त कदम उठाने चाहिए।
यह घटना एक सवाल भी खड़ा करती है कि क्या स्कूल प्रशासन रैगिंग को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठा रहा है? क्या स्कूल में रैगिंग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कोई कार्यक्रम है?
यह समय है कि स्कूल प्रशासन और शिक्षकों को रैगिंग के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं और छात्रों को सुरक्षित माहौल प्रदान करें।