छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पूर्व सैनिक ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर कई बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये की ठगी की। उत्तम खांडेकर नाम का यह व्यक्ति, जो 2008 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुआ था, अपने सैन्य पृष्ठभूमि का दुरुपयोग कर लोगों को अपने जाल में फंसाता था।
बालोद पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए महाराष्ट्र के गोंदिया से खांडेकर को गिरफ्तार किया। उसके दो साथी, डुलेश कुमार साहू और अंकुश मिश्रा, पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुके थे। इस गिरोह ने अपने आप को रेलवे के उच्च अधिकारी बताकर कई लोगों को अपना शिकार बनाया।
एक पीड़ित, घनश्याम ढीमर, जिसने स्टेशन मास्टर की नौकरी के लिए 11 लाख रुपये दिए थे, ने बताया कि कैसे खांडेकर ने अपने रेलवे के उच्च अधिकारियों से संबंधों का दावा करके उसे धोखा दिया। इसी तरह, धर्मेंद्र साहू को टिकट कलेक्टर की नौकरी का झांसा देकर 8.45 लाख रुपये ठग लिए गए।
गुरुर थाने में दर्ज एक अन्य मामले में, हरीओम साहू और अक्षय कुमार साहू से भी रेलवे नौकरी के नाम पर 24 लाख रुपये की ठगी की गई। यह घटना दर्शाती है कि कैसे बेरोजगारी की समस्या का फायदा उठाकर कुछ लोग मासूम युवाओं के सपनों से खिलवाड़ कर रहे हैं।
बालोद के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है। उन्होंने कहा, “हम इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें भी कानून के कटघरे में लाएंगे।”
यह घटना बेरोजगार युवाओं के लिए एक चेतावनी है कि वे नौकरी के लालच में आकर अपनी मेहनत की कमाई को दांव पर न लगाएं। साथ ही, यह सरकार के लिए भी एक संकेत है कि वह रोजगार के अवसर बढ़ाए और ऐसे धोखेबाजों पर कड़ी नजर रखे।