रायपुर: CBI ने भिलाई इस्पात संयंत्र में 84 करोड़ के घोटाले के मामले में छापेमारी की!
रायपुर: CBI ने भिलाई इस्पात संयंत्र में 84 करोड़ के घोटाले के मामले में छापेमारी की!

रायपुर में सीबीआई ने भिलाई इस्पात संयंत्र (ईपीआईएल) में 84 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में छापेमारी की है! सीबीआई ने इस घोटाले में तत्कालीन डीजीएम और एक निजी कंपनी के पार्टनर सहित दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

छापेमारी की जानकारी:

  • सीबीआई ने यूपी के बिजनौर और छत्तीसगढ़ के भिलाई में दोनों आरोपियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में छापेमारी की है।

मामले का विवरण:

  • भिलाई इस्पात संयंत्र (ईपीआईएल) ने 30 अप्रैल 2010 को भिलाई इस्पात संयंत्र में नए ओएचपी, भाग (पैकेज-61) के साथ कच्चे माल की प्राप्ति एवं हैंडलिंग सुविधाओं के विस्तार की स्थापना के लिए 5,50,82,27,000 रुपए के अनुबंध मूल्य पर एक अनुबंध किया था।
  • ईपीआईएल ने पीकेजी-061 के तहत सिविल निर्माण कार्यों के लिए कई एनआईटी (निविदा आमंत्रण सूचना) जारी की और आरोपी साझेदार की फर्म सहित कई कंपनियों/फर्मों को “पीकेजी-061” के सिविल निर्माण का कार्य आवंटित किया गया था।
  • आरोपी साझेदार की निजी कंपनी ने जाली गेट मटेरियल एंट्री चालान (फॉर्म सीआईएसएफ-157) और स्टोर इशूड स्लिप (Store Issued Slip), जाली चालान के साथ प्रस्तुत किए।
  • आरोप है कि सीआईएसएफ फॉर्म-157 को आरोपी उप महाप्रबंधक, ईपीआईएल द्वारा सत्यापित किया गया था।
  • कार्य आदेशों की मूल्य अनुसूची के अनुसार, सुदृढ़ीकरण स्टील (Reinforcement Steel) की आपूर्ति एवं रखने (Placing) की दर कथित रूप से 70,000 रुपए प्रति मीट्रिक टन तय की गई थी।
  • आरोपी साझेदार ने जाली चालान प्रस्तुत करके कथित रूप से 84,05,880 रुपए का लाभ प्राप्त किया और ईपीआईएल को इसी प्रकार हानि पहुंचाई।
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सीबीआई की कार्रवाई:

  • सीबीआई इस मामले की गंभीरता को समझते हुए इस घोटाले को संबंधित आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है।

यह घटना सरकारी संस्थानों में भ्रष्टाचार के खतरे को एक बार फिर उजागर करती है। सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।

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