छत्तीसगढ़ के रायपुर में साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका अपनाकर लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहाँ सन्नी जुमनानी के भाई, बंटी जुमनानी, से 5 लाख रुपये की ठगी की गई। आरोपियों ने बंटी के दोस्त, पुनीत पारवानी, की व्हाट्सएप डीपी का इस्तेमाल करके उसे धोखा दिया।
घटना का विवरण
यह पूरी घटना बेहद चालाकी से अंजाम दी गई। आरोपियों ने पुनीत पारवानी की व्हाट्सएप प्रोफाइल पिक्चर का इस्तेमाल करते हुए बंटी जुमनानी को फोन किया और खुद को पुनीत ही बताया। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली में हैं और उन्हें तत्काल पैसे की आवश्यकता है। बंटी, अपने दोस्त की आवाज़ समझकर, उन्हें 5 लाख रुपये भेज दिए।
कुछ दिनों बाद, जब बंटी ने पुनीत पारवानी से संपर्क किया और पैसे वापस मांगे, तो पता चला कि पुनीत को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है! यहीं से उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
पुलिस की कार्रवाई
सन्नी जुमनानी ने तुरंत सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और सिविल लाइन थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राजस्थान से सुरेश पुरोहित, वैभव जैन, खानू खान, स्वरूप सिंह और हैदर को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके पास से 20 लाख रुपये नकद और 8 मोबाइल फोन बरामद किए।
सावधानी बरतें!
यह घटना हमें साइबर ठगी के बढ़ते खतरे के प्रति सजग रहने की याद दिलाती है। अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भी इस बारे में अवश्य बताएं। अगर कोई अनजान नंबर से कॉल आता है और पैसे मांगता है, तो हमेशा सतर्क रहें और किसी भी तरह की जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। पहले अपने परिचितों से संपर्क करके पुष्टि अवश्य करें।
पुलिस की भूमिका
इस मामले में सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक रोहित मालेकर, एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट से प्रभारी निरीक्षक परेश पाण्डेय और उनकी टीम की सराहनीय भूमिका रही। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करके आरोपियों को गिरफ्तार किया और पीड़ित को न्याय दिलाया।
याद रखें, सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है।