रायपुर जिला सहकारी बैंक: सीईओ अपेक्षा व्यास को हटाया गया, जांच के आदेश
रायपुर जिला सहकारी बैंक: सीईओ अपेक्षा व्यास को हटाया गया, जांच के आदेश

छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सीईओ अपेक्षा व्यास पर बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। बैंक के कर्मचारियों ने लगातार व्यास के खिलाफ शिकायतें की थीं, जिसके बाद सहकारिता विभाग के सचिव ने राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक को उनके खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, व्यास पर दुर्ग जिले के सहकारी बैंक में पदस्थ रहते हुए भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के आरोप लगे थे। कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं और मंत्रियों का संरक्षण प्राप्त था, जिसके चलते शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

सहकारिता सचिव प्रबल लकड़ा ने अपने आदेश में लिखा है कि व्यास के खिलाफ मिली शिकायतें गंभीर प्रकृति की हैं और उनकी जांच कर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए।

कर्मचारियों की शिकायतों ने उजागर किया भ्रष्टाचार

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर में कर्मचारियों ने व्यास के खिलाफ लगातार आवाज उठाई थी। कर्मचारी संघ ने उनके अनियमितताओं को उजागर करते हुए प्रबंध संचालक से शिकायत की थी। कर्मचारियों ने रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू से भी अपनी व्यथा कही थी और कार्रवाई की मांग की थी।

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विधायक ने इसकी शिकायत सहकारिता मंत्री और सचिव से करते हुए कार्रवाई करने की मांग की थी।

बैंक में व्याप्त भ्रष्टाचार के कई उदाहरण

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में भ्रष्टाचार के कई और भी उदाहरण सामने आए हैं। बैंक के कई कर्मचारियों पर गबन के आरोप लगे हैं, जिनमें से सात कर्मचारियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। इसमें से दो कर्मचारियों को जेल भी हो चुकी है। एक कर्मचारी की मौत हो चुकी है, एक रिटायर हो गया है जो कि जेल में है। एक आरोपी चंद्रशेखर डग्गर गायब हो गया है। एक आरोपी महासमुंद में है जबकि दो कर्मचारी पंकज सराफ और घनश्याम देवांगन को रायपुर में अटैच कर दिया गया है।

इसके अलावा, पांच अन्य कर्मचारियों, जिनमें तीन महिलाएं हैं, का रायपुर से स्थानांतरण कर दिया गया है, हालांकि उनके खाते में किसी प्रकार के लेनदेन नहीं होने की स्थिति थी। कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष मोहन साहू को भी विद्वेष के चलते गरियाबंद स्थानांतरित कर दिया गया है।

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चुनाव लड़ने के बाद भी नौकरी पर वापस लौटने का मामला

एक अनोखा मामला भी सामने आया है जिसमें देवेन्द्र पांडे नामक एक सहायक लेखापाल, जो कि वर्ष 2008 में धरसींवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुका है, सरकारी नियमानुसार चुनाव लड़ने के बाद भी नौकरी पर वापस आ गया है। इसके अलावा, देवकुमार व्यास और सुनीता शर्मा नामक दो कर्मचारी बरसों से रायपुर हेड ऑफिस में ही कार्य कर रहे हैं। 2-17 में पदोन्नति के बाद नोडल अधिकारी का कार्य नहीं कर केवल मुख्य कार्यालय में ही बैठे रहते हैं। यह माना जा रहा है कि यह दोनों व्यास के चहेते कर्मचारी हैं।

इस तरह के कई मामलों ने रायपुर जिला सहकारी बैंक में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर किया है। जांच के बाद व्यास और अन्य आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की उम्मीद है।