रायपुर में अपराध की दुनिया में एक बड़ा नाम, अमन साहू, जो झारखंड के गिरिडीह जेल में बंद था, को प्रोटेक्शन वारंट के तहत रायपुर लाया जा रहा है। अमन साहू पर कई कारोबारियों से वसूली और तीन महीने पहले राजधानी रायपुर में तेलीबांधा थाना क्षेत्र में एक कारोबारी के दफ्तर के बाहर फायरिंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं। यह घटना रायपुर में दहशत फैलाने वाली थी और पुलिस को अमन साहू को पकड़ने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
अमन साहू को झारखंड से रायपुर तक लाने के लिए सुरक्षागत दृष्टि से अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। रायपुर क्राइम ब्रांच की 10 सदस्यीय टीम हथियारों से लैस झारखंड से रायपुर के लिए रवाना हो चुकी है। यह टीम झारखंड पुलिस के 30 अधिकारियों और AK-47 बंदूक से लैस जवानों के साथ अमन साहू को रायपुर ला रही है।
इस तरह की सुरक्षा व्यवस्था रायपुर में पहली बार देखी जा रही है, जो अमन साहू की अपराध की दुनिया में दहशत का अंदाजा देती है। अमन साहू को प्रोटेक्शन वारंट में रायपुर लाने के लिए स्थानीय पुलिस कोर्ट से पांच से छह बार प्रोटेक्शन हासिल कर चुकी है, लेकिन अब तक अमन साहू को रायपुर नहीं लाया जा सका। अब कोर्ट ने अमन साहू और उसके दो गुर्गे, विक्रम सिंह और आकाश राय उर्फ मोनू, के खिलाफ प्रोटेक्शन वारंट जारी किया है। तीनों अभी गिरिडीह जेल में बंद हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि विक्रम सिंह और आकाश राय भी अमन साहू के साथ रायपुर लाए जा रहे हैं या नहीं।
अमन साहू के खिलाफ झारखंड में दर्जनों मामले दर्ज हैं। हर दूसरे-तीसरे दिन झारखंड के अलग-अलग कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई होती है। इसके साथ ही, वह एक हार्डकोर अपराधी है। इस लिहाज से गिरिडीह जेल प्रशासन अमन साहू की पेशी और सुरक्षा का हवाला देकर अमन साहू को प्रोटेक्शन वारंट में भेजने से बचती है।
अमन साहू की रायपुर में गिरफ्तारी का मामला रायपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग अमन साहू के अपराधों और उसके गिरफ्तारी की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बातें कर रहे हैं।