रायपुर में पुलिस लाइन में आयोजित एक विशेष कार्यशाला में मुनि सुधाकर जी ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को तनाव प्रबंधन के पांच महत्वपूर्ण सूत्र बताए। इस कार्यशाला का आयोजन अणुव्रत समिति और रायपुर पुलिस प्रशासन ने संयुक्त रूप से किया था।
कार्यशाला में एसएसपी श्री संतोष सिंह जी भी मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर जी के सान्निध्य में हुई, जो गतिमान अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत आयोजित किया गया था।
मुनि सुधाकर जी ने बताया कि आज के समय में तनाव एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। उन्होंने कहा, “मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए हमें अध्यात्म का सहारा लेना चाहिए। आध्यात्मिक नियमों के पालन से तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है।”
तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए मुनि सुधाकर जी ने पांच महत्वपूर्ण सूत्र बताए:
- खुश रहें: अपने आप में खुश रहना बहुत जरूरी है।
- तुलना न करें: दूसरों से अपनी तुलना न करें।
- भविष्य की चिंता न करें: भविष्य की चिंता करने से बचें।
- नियंत्रण रखें: स्वयं पर नियंत्रण रखें।
- मन की स्थिति पर ध्यान दें: परिस्थितियों से ज़्यादा अपने मन की स्थिति पर ध्यान दें।
मुनि सुधाकर जी ने कहा, “परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं, लेकिन मन की स्थिति स्थिर रखें। हर परिस्थिति में मुस्कुराते रहें, सोच को सकारात्मक बनाए रखें और इच्छाओं का परिष्कार करें। अपनी सीमाओं को समझें और फल के आग्रह का चिंतन न करें।”
एसएसपी श्री संतोष सिंह ने भी कार्यक्रम में अपनी बात रखी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्लानिंग के साथ काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “प्लानिंग से तनाव कम हो जाएगा और समय का सही नियोजन होगा। तनाव को दूर करने के लिए अपने कार्य क्षेत्र से हटकर भी कुछ समय बिताना चाहिए। जैसे बागवानी करना, पुस्तक पढ़ना, खेल खेलना आदि।”
उन्होंने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार लगभग 65% लोग तनावग्रस्त हैं। इस कार्यशाला का संचालन नरेंद्र दुगड़ ने किया। स्वागत कनक चंद जैन और मंगलाचरण इंदु लोढ़ा तथा ललिता धाड़ीवाल ने किया। कार्यशाला का सफल संयोजन अरुण अग्रवाल ने किया।