रायपुर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है जहां लोक निर्माण विभाग के एक सब-इंजीनियर, चमन लाल साहू से 8.86 लाख रुपए की ठगी हो गई। यह ठगी एक अजीबोगरीब तरीके से हुई, जहां उनके आधार कार्ड के बायोमैट्रिक लॉक होने का फायदा उठाया गया।
घटना 24 सितंबर की है, जब चमन लाल साहू को अपने मोबाइल में लगे जियो सिम का नेटवर्क अचानक गायब हो गया। एक नया सिम कार्ड लेने के लिए जब वह जियो स्टोर गए तो उनसे आधार कार्ड मांगा गया। आधार कार्ड देने पर उन्हें पता चला कि उनका आधार बायोमैट्रिक भी लॉक हो गया है।
आधार अनलॉक कराने के लिए चमन लाल साहू 26 सितंबर को तहसील ऑफिस गए। उन्हें बताया गया कि आधार का लॉक 10 दिन बाद खुलेगा। 10 अक्टूबर को जब उनका आधार अनलॉक हुआ, तो वे सिम लेने फिर जियो स्टोर गए।
सिम चालू होने पर उन्होंने अपना बैलेंस चेक किया और हैरान रह गए। 24 सितंबर से 7 अक्टूबर तक किसी अज्ञात व्यक्ति ने यूपीआई के माध्यम से उनके दोनों बैंक खातों से 8.86 लाख रुपए निकाल लिए थे!
इस घटना ने एक बार फिर से साइबर सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह घटना दर्शाती है कि आज के समय में, आपकी निजी जानकारी को सुरक्षित रखना कितना महत्वपूर्ण है।
यह घटना आपको कुछ जरूरी सबक सिखाती है:
- अपने आधार कार्ड की जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
- अपने मोबाइल फोन में दो-कारक प्रमाणीकरण (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) चालू रखें।
- अपने बैंक खाते से जुड़े यूपीआई लेनदेन की नियमित रूप से जांच करें।
अगर आप भी किसी तरह की ठगी या साइबर हमले का शिकार हुए हैं, तो तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क करें।