पूर्व राज्यसभा सदस्य रामाधार कश्यप का 85 साल की उम्र में निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक सोमवार रात ढाई बजे रामाधार कश्यप ने अंतिम सांस ली. वे बिलासपुर ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे.
बिलासपुर स्थित आवास में तड़के तीन बजे मेजर अटैक आया। तबीयत बिगड़ते ही स्वजन उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। जांच के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पार्थिव देह का मंगलवार दोपहर 12 बजे सरकंडा मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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स्व. कश्यप वर्ष 2002 में बने थे राज्यसभा सदस्य। वर्ष 2003 में सांसद रहते हुए अकलतरा विधानसभा से विधायक चुने गए थे। छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाने रामाधार कश्यप ने विधानसभा में पर्चा फेंका था, जिस पर उन्हें सजा भी हुई थी। 84 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली।
सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में की थी शुरुआत
रामाधार कश्यप का जन्म अकलतरा के चोर भट्टी में 26 नवंबर 1938 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा मिशन स्कूल से लेने के बाद CMD कॉलेज से स्नातक किया और फिर LLB की पढ़ाई पूरी की। उसी दौरान सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक जीवन भी शुरू हुआ। महज 30 साल से कम की उम्र में अकलतरा मंडी के अध्यक्ष चुने गए। उनकी कार्यशैली को देखते हुए कांग्रेस ने बिलासपुर ग्रामीण जिला का बनाया। लंबे समय तक भातृ संघ संस्थापक के सदस्य भी रहे। अपनी राजनीति के दौरान कई आंदोलनों में भाग लिया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा दुख प्रकट किया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व राज्यसभा सांसद रामाधार कश्यप के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है. उन्होंने कश्यप के शोक संतृप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है. बघेल ने अपने शोक संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए स्व. कश्यप का जज्बा और उनका योगदान आने वाली पीढियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा.
चरण दस महंत ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व राज्यसभा सांसद श्री रामाधार कश्यप जी का निधन बेहद दुःखद है। उन्होंने अपनी कर्मठता से अपनी अलग पहचान बनायी। हमारे अग्रज, श्री कश्यप जी की दिवंगत आत्मा को ईश्वर श्रीचरणों में स्थान दें, परिजनो को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
अमरजीत भगत जी ने भी शोक जताया
“वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद श्री रामाधार कश्यप जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। मैं उनकी दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करता हूँ। ईश्वर उनके परिजनों को इस मुश्किल घड़ी में धैर्य प्रदान करें।”
अमरजीत भगत