सरगुजा को मिली हवाई सेवा की सौगात: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे अंबिकापुर एयरपोर्ट का उद्घाटन
सरगुजा को मिली हवाई सेवा की सौगात: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे अंबिकापुर एयरपोर्ट का उद्घाटन

सरगुजा क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! अब सरगुजा क्षेत्र हवाई सेवा से जुड़ने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर, रविवार को मां महामाया एयरपोर्ट अंबिकापुर का वर्चुअल रूप से लोकार्पण करेंगे। इस आयोजन से सरगुजा संबाग के सभी जिलों – सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर – के लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

आप सोच रहे होंगे कि हवाई सेवा से जुड़ने से सरगुजा के लोगों को क्या फायदा होगा? तो सुनिए, इससे सरगुजा संबाग में पर्यटन और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, आवागमन की सुविधा बढ़ने से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

एक सपने का साकार होना

यह सपना कई सालों से देखा जा रहा था, और अब यह सच होने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम सरगुजा क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

मां महामाया एयरपोर्ट का इतिहास

मां महामाया एयरपोर्ट, अंबिकापुर में लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किए गए हैं। दरिमा हवाई पट्टी का निर्माण वर्ष 1950 में हुआ था। इसे प्रारंभिक दौर में डब्ल्यू.बी.एम. सतह से निर्मित किया गया था, जिसकी लंबाई 1200 मीटर थी। यह हवाई पट्टी अम्बिकापुर शहर से 13 कि.मी. की दूरी पर दरिमा ग्राम में निर्मित है। इसका सम्पूर्ण क्षेत्रफल 365 एकड़ है एवं यह हवाई पट्टी समुद्र तल से 1924 फीट ऊंचाई में स्थित है।

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इस हवाई अड्डे के विकास के लिए लोक निर्माण विभाग को 46.27 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। लोक निर्माण विभाग के द्वारा दिसंबर 2021 से 3 सीव्हीएफआर के अनुरूप उन्नयन कार्य प्रारंभ किया गया। लोक निर्माण विभाग ने अप्रैल 2023 को कार्य पूर्ण कराकर लाइसेंस हेतु आवेदन किया। डीजीसीए ने मई 2023 को निरीक्षण किया, और 15 मार्च 2024 को एरोड्रम लाईसेंस जारी किया गया। रनवे की लंबाई 1500 मी. से बढ़ाकर 1800 मी. कर दी गई है।

एयरपोर्ट की सुविधाएँ

मां महामाया एयरपोर्ट में कई आधुनिक सुविधाएँ हैं, जैसे:

  • रनवे की लंबाई 1500 मीटर से बढ़ाकर 1800 मीटर।
  • रनवे के मजबूतीकरण हेतु पीसीएन को 25 तक बढ़ाया गया, जो एटीआर 72 के अनुरूप है।
  • नया एप्रोन 110 मी.×127 मी. का बनाया गया है, जो एक साथ 2 एटीआर 72 हवाई जहाजों को खड़ा करने के लिए उपयुक्त है।
  • आइसोलेशन वे, दोनों तरफ आरईएसए एवं 25×150 मीटर के दो टैक्सी-वे का निर्माण किया गया है।
  • पैरीमीटर रोड एवं अन्य एप्रोच रोड का डामरीकरण कार्य कराया गया।
  • पूर्ण क्षेत्रफल लगभग 8 कि.मी. की लम्बाई में बाउण्ड्रीवाल की ऊंचाई 1.5 मीटर से बढ़ाकर 3.2 मीटर की गई।
  • सारे आंतरिक मार्गों का डामरीकरण एवं रोड फर्नीचरिंग एवं मार्किंग का कार्य कराया गया।
  • टर्मिनल भवन का उन्नयनीकरण 20 यात्रियों से बढ़कर 72 यात्रियों के अनुरूप किया गया।
  • एटीसी ऑफिस, एमईटी ऑफिस, एसीसीआर रूम, फायर स्टोर, इलेक्ट्रीकल पैनल रूम अन्य अधोसंरचना के कार्य कराये गये हैं।
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सरगुजा अंचल में पर्यटन

सरगुजा अंचल में पर्यटन की असीम संभावनाएँ विद्यमान हैं। हवाई सेवा शुरू होने से निःसंदेह इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

सरगुजा क्षेत्र के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में राजारानी मंदिर, बाबा बम्लेश्वर मंदिर, सरगुजा पैलेस, कैलाश गुफाएं, चिरमिरी, रतनपुर, रामगढ़ स्थित जोगीमारा, सीताबेंगरा एवं लक्ष्मण गुफा तथा छत्तीसगढ़ का शिमला मैनपाट शामिल है।

सरगुजा क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में कई जैन मंदिर, बाबा भीम मंदिर, राम मंदिर, माहामाया मंदिर तथा मैनपाट स्थित बौद्ध मंदिर शामिल है।