सरगुजा संभाग की रसोइया संघ ने 3 दिन की हड़ताल शुरू कर दी है। उनकी मांग है कि उनके मानदेय में वृद्धि की जाये। रसोइया संघ का कहना है कि उनके जिम्मे देश के भविष्य को संभालने की जिम्मेदारी है। वो बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बनाती हैं, जो हमारे देश का भविष्य हैं। लेकिन उन्हें मात्र 2 हजार रुपये का मानदेय मिलता है, जिससे उनका गुजारा नहीं हो पाता।
आज से पूरे देश में नवरात्रि शुरू हो गए हैं, जो शक्ति की उपासना का पर्व है। इस दौरान महिलाओं को देवी का स्वरूप माना जाता है। लेकिन सरगुजा में महिला शक्ति ही शासन से नाराज होकर हड़ताल पर बैठ गई है।
ऐसा लगता है कि सरकार को इन रसोइयाओं के योगदान का अंदाजा नहीं है। 2 हजार रुपये में आजकल किराना का सामान भी नहीं मिलता, फिर खाने पीने का सवाल ही कहां है? सरगुजा की रसोइया संघ ने बहुत ही जायज़ मांग रखी है। उम्मीद है कि सरकार उनकी मांग पर ध्यान देगी और जल्द ही उनका मानदेय बढ़ाएगी।
बता दें कि रसोइया संघ सरकार से मांग कर रही है कि उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी की जाए। इस हड़ताल से बच्चों के मध्यान्ह भोजन पर असर पड़ रहा है। सरकार को जल्द से जल्द इस मामले में ध्यान देना चाहिए।
आपको क्या लगता है? क्या रसोइया संघ की मांग जायज़ है? क्या सरकार को उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए? अपनी राय कमेंट में जरूर बताइए।