आजकल, साइबर अपराधी पेंशन धारकों को निशाना बना रहे हैं और उनके जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। ये अपराधी पेंशन धारकों को फोन करते हैं और खुद को पेंशन निदेशालय का प्रतिनिधि बताते हैं।
इनके पास पेंशन धारकों का पूरा डेटा होता है, जिसमें नियुक्ति की तारीख, सेवानिवृत्ति की तारीख, पीपीओ नंबर (पेंशन भुगतान आदेश संख्यां), आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, ई-मेल आई डी, सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि, मासिक पेंशन, नामिनी आदि शामिल हैं।
कैसे करते हैं ठगी?
ये अपराधी पेंशन धारकों को उनके डेटा के बारे में बताते हैं और उनका विश्वास जीतने के बाद, उनसे जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं। एक बार जब पेंशन धारक ओटीपी साझा कर देते हैं, तो अपराधियों को उनके बैंक खाते का सीधा एक्सेस मिल जाता है और वे खाते में जमा पूरी राशि को फर्जी बैंक खातों या वॉलेट में ट्रांसफर कर देते हैं।
क्या करें?
पेंशन निदेशालय कभी भी फोन पर किसी पेंशन धारक से जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए नहीं कहता। पेंशन धारकों को अपने जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय में जाकर अपडेट कराना चाहिए।
अगर आपको इस तरह का कोई फोन कॉल आता है, तो सावधान रहें और तुरंत रेंज साइबर थाना रायपुर या साइबर क्राइम रायपुर को सूचित करें।
यह जानकारी पेंशन धारकों को जागरूक करने के लिए साझा करें।