छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में राशन माफिया के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है। जिला प्रशासन ने तीन दिनों तक चली छापेमारी में करोड़ों रुपये का राशन जब्त किया है।
कोंटा ब्लॉक के केरलापेंदा और एलमपल्ली पंचायत के सरपंच-सचिव सहित सात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस कार्रवाई में लगभग 694 क्विंटल खाद्य सामग्री जब्त की गई, जिसकी अनुमानित कीमत 26 लाख 73 हजार रुपये है।
नक्सल प्रभावित चिंतलनार क्षेत्र में यह घोटाला लंबे समय से चल रहा था। स्थानीय आदिवासी समुदाय की अशिक्षा का फायदा उठाकर राशन माफिया अपना धंधा चला रहे थे। प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि लोगों को उनका हक नहीं मिल रहा है।
सुकमा कलेक्टर हरीश एस के निर्देश पर कोंटा एसडीएम शबाब खान के नेतृत्व में एक टीम ने छापेमारी की। इस दौरान वन विभाग के गोदाम और निजी मकानों से भारी मात्रा में राशन बरामद हुआ।
जब्त सामग्री में चावल, शक्कर, चना, नमक, गुड़, और धान कोंडा शामिल हैं। इस मामले में केवल स्थानीय अधिकारी ही नहीं, बल्कि वन विभाग और पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि केवल एफआईआर दर्ज करना पर्याप्त नहीं है, दोषियों को जेल भेजा जाना चाहिए।
जिला खाद्य अधिकारी जयवर्धन ठाकुर ने बताया कि मामले की जांच जारी है और प्राथमिक तौर पर यह खाद्यान्न की कालाबाजारी का मामला लग रहा है। प्रशासन आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रखेगा ताकि गरीबों का हक उन तक पहुंच सके।