भारत का भविष्य वर्तमान समय में बलिकाओं के शिक्षित होने और आगे बढ़ने से ही बदलेगा. भारत सरकार के बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओ के माध्यम से देश भर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. बालिकाओं के लिए हर स्तर पर अच्छी सुविधायुक्त और बेहतर वातावरण के माध्यम से शिक्षा साथ ही खेल, विज्ञान सभी क्षेत्रों में आगे बढाने का प्रयास किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में भी शासन और प्रशासन स्तर पर बालिकाओं के उज्जवल भविष्य हेतु उत्कृष्ट योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. जहाँ छत्तीसगढ़ की बेटियां शिक्षा, खेल, विज्ञान के क्षेत्र में अपना हस्ताक्षर अंकित कर रहे हैं तो दूसरी और प्रदेश के एक क्षेत्र में नन्ही बालिका को विबाह के लिए प्रेरित किया जा रहा है. मगर प्रशासन के जागरूकता अभियान के कारण आज उस बालिका का भविष्य सुरक्षित है.
कलेक्टर श्री दीपक सोनी के द्वारा बाल अधिकार संरक्षण और उनका समग्र विकास के लिए योजनओं पर क्रियान्वयन के साथ-साथ प्रचार-प्रसार करने की वजह से अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी जागरूकता की लहर दौड़ पड़ी है. ऐसा ही एक मामला सामने आने पर 15 वर्षीय बालिका का बाल विवाह रोकने के लिए ग्रामीणों ने खुद से आगे आकर 1098 पर सूचना देते हुए विवाह को रोकवाने की मांग की. इसकी जानकारी मिलते ही चाईल्ड हेल्प लाईन सूरजपुर द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी गई एवं तत्काल कार्यवाही हेतु निवेदन किया गया. जिला बाल संरक्षण अधिकारी सूरजपुर ने इस हेतु पुलिस विभाग, महिला बाल विकास विभाग, चाईल्ड लाईन, बाल संरक्षण इकाई के कर्मचारियों के साथ देवीपुर मंदिर जाकर जांच की तो वहॉ पाया कि विवाह हो रहा है. बालिका से पुछने पर बालिका ने अपनी उम्र लगभग 16 वर्ष बताया वही विवाह मण्डप में बैठे दुल्हे ने अपनी जन्म तिथि 05 जुलाई 1999 बताई. दस्तावेज मंगाने पर बालक के उम्र की पुष्टी हुई एवं बालिका अन्य विकास खण्ड की होने के कारण उसका दस्तावेज प्राप्त नहीं हो सका. बालक भी विवाह की उम्र सीमा को नहीं पहुंच पाया था. विवाह स्थल पर परिस्थिति विवाह कर देने जैसा महौल था, सभी को समझाईस दी गई कि यदि बाल विवाह होता है तो बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत 02 साल की सजा एवं 01 लाख रुपये जुर्माना से दण्डित किया जायेगा. समझाईस पर दोनों पक्षों ने उम्र हो जाने पर विवाह करने की सहमति दी.
बाल विवाह रोकने का पंचनामा लड़के एवं लड़की के माता-पिता का कथन लिया गया. बाल विवाह रोकवाने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अंजनी साहू, पुलिस विभाग से सहायक उप निरीक्षक मंजु सिंह, प्रधान आरक्षक मुकेश यादव, आरकक्षक जय प्रकाश तिवारी, चाईल्ड लाईन से शीतल सिंह, आउटरिच वर्कर पवन धीवर एवं हर गोविन्द चक्रधारी उपस्थित थे.