Cg High Court
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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक गंभीर स्वास्थ्य संकट उभर रहा है, जो क्षेत्र के भविष्य को प्रभावित कर रहा है। जिले के कई गांवों में बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस नामक एक दर्दनाक बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। यह बीमारी पेयजल में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा के कारण होती है, जो दांतों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।

इस समस्या से निपटने के लिए, स्थानीय प्रशासन ने एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी। जिले के 40 गांवों में कुल 6 करोड़ रुपये की लागत से फ्लोराइड रिमूवल प्लांट स्थापित किए गए थे। यह कदम आशा की एक किरण थी, लेकिन दुर्भाग्य से, यह प्रयास अल्पकालिक साबित हुआ। केवल कुछ महीनों के भीतर, ये प्लांट कार्य करना बंद कर दिए, जिससे स्थानीय समुदाय निराश और चिंतित हो गया।

इस गंभीर मुद्दे ने उच्च न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया है। न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि वे स्थिति की जांच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। न्यायालय ने छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग के सचिव को दो सप्ताह के भीतर एक व्यक्तिगत शपथ पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

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स्थिति की गंभीरता को समझने के लिए, आंकड़ों पर एक नज़र डालें। हर साल, इन प्रभावित गांवों में 100 से अधिक स्कूली बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस के शिकार होते हैं। देवभोग ब्लॉक के गांवों में, कुल पीड़ितों की संख्या 2,000 से अधिक है, जो एक चौंकाने वाला आंकड़ा है।

यह समस्या 2016 में प्रकाश में आई, जब जांच में पता चला कि देवभोग ब्लॉक के 40 गांवों के स्कूलों में आपूर्ति किए जा रहे पेयजल में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य स्तर से 8 गुना अधिक थी। यह खोज चिंताजनक थी और तत्काल कार्रवाई की मांग करती थी।

इस स्वास्थ्य संकट का प्रभाव केवल वर्तमान पीढ़ी तक ही सीमित नहीं है। यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य और कल्याण को भी प्रभावित कर सकता है। यह न केवल एक स्वास्थ्य मुद्दा है, बल्कि एक सामाजिक-आर्थिक चुनौती भी है, जो क्षेत्र के समग्र विकास को प्रभावित कर सकती है।

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अब, सभी की नज़रें 14 अगस्त पर टिकी हुई हैं, जब इस मामले की अगली सुनवाई होगी। यह देखना बाकी है कि सरकार और न्यायपालिका मिलकर इस जटिल समस्या का कैसे समाधान निकालते हैं, ताकि गरियाबंद के बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिल सके।

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