रायपुर में विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एक बड़ा टिकट घोटाला सामने आया है! एक महिला नेता नलिनी मेश्राम ने आरोप लगाया है कि उनसे टिकट दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपए ऐंठे गए।
नलिनी मेश्राम, छग महिला कांग्रेस कमेटी की सचिव, डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट के लिए जोर लगा रही थीं। उनका कहना है कि उन्हें टिकट दिलाने का ऑफर दिया गया था और राहुल गांधी के दूत कहकर एक व्यक्ति घनश्याम विश्वकर्मा से मुलाक़ात कराई गई। घनश्याम ने नलिनी से कहा कि वो राहुल गांधी के दूत हैं और उन्हें टिकट दिलाएंगे और मंत्री भी बनाएंगे।
इस मामले की जांच होनी चाहिए। यह घटना कांग्रेस में टिकट के लिए भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को उजागर करती है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक पार्टी के भीतर ही ऐसे लोग हैं जो टिकट बेचने का धंधा कर रहे हैं।
क्या आप जानते हैं?
- टिकट घोटाले राजनीति में एक आम बात है। यह भ्रष्टाचार का एक रूप है, जो लोकतंत्र को कमजोर करता है।
- टिकट घोटालों से पार्टियों के अंदर भ्रष्टाचार बढ़ता है और जनता का विश्वास कम होता है।
- टिकट घोटालों की जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
यह घटना छत्तीसगढ़ कांग्रेस को एक गंभीर चुनौती पेश करती है। पार्टी को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए।