जब ग्रामीणों ने खुद बना डाला पुल!
जब ग्रामीणों ने खुद बना डाला पुल!


कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में एक अनोखी कहानी सामने आई है जहाँ ग्रामीणों ने खुद अपनी समस्या का समाधान निकाल लिया. सालों से पुल के लिए तरस रहे ग्रामीणों ने अपनी मेहनत और लगन से एक कच्चा पुल बना डाला!

परवी से खड़का के बीच मंघर्रा नाले पर पुल की मांग 15 सालों से चली आ रही है. न भाजपा, न कांग्रेस सरकार ने इस पर ध्यान दिया. क्षेत्र के खड़का, भुरका और जलहुर गांव के लोग दिन-रात इस नाले को पार करने के लिए जूझ रहे थे. स्कूल, अस्पताल और राशन तक पहुँचने में उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती थीं.

एक मजेदार बात ये है कि साल 2023 में भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात में इस पुल के लिए 1 करोड़ 57 लाख की घोषणा की थी! लेकिन उसका क्या हुआ? आज तक कोई खबर नहीं!

थक हारकर ग्रामीणों ने खुद ही हाथ में औजार लिए और दो दिन में एक कच्चा पुल बना दिया. कच्चा भले ही हो, लेकिन उनके लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है. अब वो आज़ादी से आवाजाही कर सकते हैं.

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“हमारे बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, मरीजों को अस्पताल नहीं पहुँचा सकते थे. सरकार को याद करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो हमने खुद ही काम करने का फैसला लिया,” ये कहना है ग्रामीण गोकुल नेताम का.

ये घटना हमें याद दिलाती है कि जब सरकारें अपने वादे निभाने में नाकाम रहती हैं तो जनता खुद ही आगे आ जाती है! क्या आपने भी कभी ऐसा देखा है? हमें बताएं!


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