राजधानी रायपुर में जयस्तंभ चौक से जेल रोड तक स्काईवॉक परियोजना का निर्माण एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है। यह परियोजना पहले भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी, लेकिन 2018 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इसे रोक दिया गया था। अब, कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना को फिर से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
परियोजना का इतिहास
स्काईवॉक परियोजना की शुरुआत फरवरी 2017 में हुई थी, जब भाजपा सरकार ने इसका पहला टेंडर जारी किया था। यह परियोजना लगभग 77 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही थी, जिसमें दो लिफ्ट, आठ एस्केलेटर और दस सीढ़ियां शामिल हैं। हालांकि, कांग्रेस सरकार ने इसे अधूरा छोड़ दिया था और जनता की राय जानने के लिए एक सर्वेक्षण भी कराया था।
अनियमितताओं की जांच
हाल ही में, छत्तीसगढ़ सरकार ने स्काईवॉक में पाई गई अनियमितताओं की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) को सौंपने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। भाजपा के नेता पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार पहले इस परियोजना का समर्थन कर रही थी, लेकिन अब इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है।
जनता की प्रतिक्रिया
इस परियोजना को लेकर रायपुर में जनता की मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग इसे शहर के विकास के लिए आवश्यक मानते हैं, जबकि अन्य इसे अनावश्यक खर्च और भ्रष्टाचार का प्रतीक मानते हैं।
अब देखना यह है कि स्काईवॉक परियोजना का निर्माण कब तक पूरा होता है और क्या यह वास्तव में शहर के यातायात को सुगम बनाने में मदद करेगा।