हाथियों के संरक्षण और उनके महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी शामिल होंगे।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं
- समय: शाम 7:30 बजे
- स्थान: कोर्टयार्ड मैरियट होटल, रायपुर
- मुख्य अतिथि: भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री
विशिष्ट अतिथियों की सूची
- केदार कश्यप: वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, छत्तीसगढ़
- बृजमोहन अग्रवाल: लोकसभा सांसद, रायपुर
- जितेन्द्र कुमार: वनमहानिदेशक एवं विशेष सचिव, पर्यावरण मंत्रालय
हाथी संरक्षण: एक राष्ट्रीय प्राथमिकता
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हाथियों के संरक्षण और संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करना है। भारतीय हाथी, जो एशियाई हाथियों की एक उपप्रजाति है, हमारे देश की जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इनकी संख्या में लगातार गिरावट चिंता का विषय है।
हाथियों के संरक्षण के लिए उठाए गए कदम
- प्रोजेक्ट एलिफेंट: 1992 में शुरू की गई यह योजना हाथियों के संरक्षण पर केंद्रित है।
- हाथी गलियारों का विकास: हाथियों के आवागमन के लिए सुरक्षित मार्गों का निर्माण।
- मानव-हाथी संघर्ष का न्यूनीकरण: गांवों और खेतों की सुरक्षा के साथ-साथ हाथियों के लिए पर्याप्त वन क्षेत्र सुनिश्चित करना।
छत्तीसगढ़ में हाथियों की स्थिति
छत्तीसगढ़ राज्य में हाथियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियां भी आई हैं। मानव-हाथी संघर्ष इनमें से एक प्रमुख समस्या है।
राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- हाथी अभयारण्यों का विकास
- ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए अभियान
- क्षतिपूर्ति योजनाओं का क्रियान्वयन
इस कार्यक्रम के माध्यम से, सरकार हाथी संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएगी और आम जनता को भी इस महत्वपूर्ण कार्य में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।